रविवार 26 अक्तूबर 2025 - 17:51
हज़रत आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मुहम्मद हुज्जत कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह मदरसा मुबारका हुज्जतिया, क़ुम के संस्थापक

हौज़ा / चौदहवीं सदी हिजरी के मशहूर शिया आलिम, फकीह, इल्म-ए-रिज़ाल के माहिर और मरजा-ए-तक़लीद, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मुहम्मद हुज्जत कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह का जन्म 29 शाबानुल-मुअज़्ज़म 1310 हिजरी को शहर तबरीज़ के एक धार्मिक और विद्वान परिवार में हुआ।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,चौदहवीं सदी हिजरी के मशहूर शिया आलिम, फकीह, इल्म-ए-रिज़ाल के माहिर और मरजा-ए-तक़लीद, आयतुल्लाहिल उज़्मा सैय्यद मुहम्मद हुज्जत कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह का जन्म 29 शाबानुल-मुअज़्ज़म 1310 हिजरी को शहर तबरीज़ के एक धार्मिक और विद्वान परिवार में हुआ।

प्रारंभिक शिक्षा उन्होंने तबरीज़ में अपने पिता आयतुल्लाह सैय्यद अली कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह से प्राप्त की। इसके बाद वे हौज़ा-ए-इल्मिया नजफ़ अशरफ़ (इराक) चले गए, जहाँ उन्होंने उस समय के अज़ीम आलिमों और फकीहों से इल्म हासिल किया, जैसे आयतुल्लाहिल-उज़्मा शैख़ुश्शरीअ अस्फहानी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद अबुलहसन अस्फहानी, आयतुल्लाह अल-उज़्मा सैय्यद मुहम्मद फिरोज़ाबादी, हौज़ा-ए-इल्मिया क़ुम के संस्थापक आयतुल्लाहिल-उज़्मा अब्दुलकरीम हायरी,

आयतुल्लाहिल-उज़्मा मीरज़ा मुहम्मद हुसैन नाइनी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा ज़ियाउद्दीन इराक़ी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद मोहम्मद काज़िम तबातबाई यज़्दी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद अबूतराब ख़्वानसारी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा अली कूचानी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा शेख़ अली गनाबादी और आयतुल्लाहिल-उज़्मा हैदरक़ुली ख़ान सरदार काबुली रहमतुल्लाह अलैहिम से इल्मी फ़ैज़ और इज्तेहाद की इजाज़त हासिल किया।

उनके शागिर्दों की सूची बहुत लंबी है, जिनमें प्रमुख हैं: आयतुल्लाहिल-उज़्मा मुहम्मद तकी बहजत, आयतुल्लाहिल-उज़्मा मीरज़ा जवाद तबरीज़ी, आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद मुहम्मद अली क़ाज़ी तबातबाई,

आयतुल्लाहिल-उज़्मा लुत्फ़ुल्लाह साफी गुलपाएगानी, तफ़सीर "अल-मिज़ान" के लेखक आलिमे रब्बानी अल्लामा सैय्यद मुहम्मद हुसैन तबातबाई रहमतुल्लाह अलैहिम, मरजा-ए-आला आयतुल्लाह अल-उज़्मा सैय्यद अली हुसैनी सीस्तानी (दाम ज़िल्लुहुल आली), आयतुल्लाह अल-उज़्मा शेख़ नासिर मकारिम शीराज़ी (दाम ज़िल्लुहुल आली)।

बयान किया जाता है कि वफ़ात से कुछ दिन पहले, आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद मोहम्मद हुज्जत कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह ने अपने पास मौजूद शरई रकम अपने दामाद आयतुल्लाह मुर्तज़ा हायरी यज़्दी रहमतुल्लाह अलैह को सौंप दीं ताकि वे उन्हें उनकी नियत की गई नेक कामों में खर्च करें।

उन्होंने यह भी आदेश दिया कि उनकी मुहर तोड़ दी जाए।इसके बाद उन्होंने अपनी वफ़ात की खबर दी।

उनकी बेटी ने उनकी सेहतयाबी के लिए पानी में तुरबत-ए-हुसैनी (इमाम हुसैन अ.स. की क़ब्र की मिट्टी) मिलाकर दी, जिसे उन्होंने पिया और फ़रमाया: "आख़िरु ज़ादी मिनद-दुन्या तुरबतुल हुसैन अलैहिस्सलाम”यानी “दुनिया से मेरी आख़िरी ज़ाद-ए-राह (रुख़सत का सामान) इमाम हुसैन अ.स. की मिट्टी है।”

आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद मोहम्मद हुज्जत कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह की महान सेवाओं में से एक है मदरसा मुबारका हुज्जतिया, जो क़ुम-ए-मुक़द्दस में करिमा-ए-अहलुलबैत हज़रत फ़ातिमा मआसूमा सलामुल्लाह अलैहा के हरम के क़रीब स्थित है।यह प्रतिष्ठित मदरसा यौम-ए-विलादत-ए-सिद्दीक़ा-ए-ताहेरा हज़रत फ़ातिमा ज़हरा सलामुल्लाह अलैहा यानी 20 जमादी-उस-सानी 1361 हिजरी से धार्मिक शिक्षा और प्रशिक्षण में सक्रिय है।

सन 1399 हिजरी तक यहाँ केवल ईरानी तुल्लाब पढ़ते थे, लेकिन उसके बाद से आज तक ग़ैर-ईरानी तलबा यहाँ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि तफ़सीर अल-मिज़ान के लेखक अल्लामा सैय्यद मुहम्मद हुसैन तबातबाई रहमतुल्लाह अलैह, रहबर-ए-इंक़िलाब आयतुल्लाह अल-उज़्मा सैय्यद अली ख़ामनाई दाम ज़िल्लुहुल आली, आयतुल्लाह अल-उज़्मा नासिर मकारिम शीराज़ी, आयतुल्लाह अल-उज़्मा जवादी आमुली, और आयतुल्लाह अल-उज़्मा जाफ़र सुबहानी दाम ज़िल्लुहुमुल आली ने इस मदरसा मुबारका हुज्जतिया में शिक्षा प्राप्त की है।

आयतुल्लाहिल-उज़्मा सैय्यद मुहम्मद हुज्जत कोहकमरी रहमतुल्लाह अलैह ने 3 जमादीउल अव्वल 1338 हिजरी को क़ुम ईरान में वफात पाई और अपने मदरसा (मदरसा हुज्जतिया) में दफ्न हुए!

मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी

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